• Sunday, July 10, 2022

    Bachon Ki Kahani in Hindi - एक जिद्दी बच्चे की कहानी

    Bachon Ki Kahani in Hindi - एक जिद्दी बच्चे की कहानी

    Bachon Ki Kahani in Hindi

    Hello दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog, Hindi Best Stories में। उम्मीद करता हूं सब ठीक होगा। आज की कहानी छोटे बच्चों पर आधारित है। हम सब जानते हैं बाहर का खाना हमें कोई पोषण तत्व नहीं दे सकता, मगर बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं, वह यह बात नहीं मानते। Bachon ki kahani in Hindi मैं सुनाने जा रहा हूं आज एक "जिद्दी बच्चे" की कहानी (बच्चों की कहानी हिंदी में)। उम्मीद करता हूं आपको पसंद आएगी यह कहानी। 

    चलिए शुरू करते है जिद्दी Bachon Ki Kahani in Hindi.

    राजू की उम्र कोई १० - १२ साल की थी, उसे बाहर की चीजें खाने की बुरी लत थी, उसे घर का खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। उसके Mummy - Papa उसे लाख समझाते, मगर उस पर कोई असर नहीं होता था। एक दिन राजू school से घर आया Mummy Mummy मुझे भूख लगी है।


    माँ - बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए पोहा बना देती हूँ।

    राजू - नहीं मुझे पोहा नहीं खाना है।

    माँ - तो फिर केला है सेब है खा लो।

    राजू - नहीं मुझे तो Chips खाना है और Pepsi पीनी है।

    माँ - वो तो घर में नहीं है।

    राजू - तो लाओ पैसे दो, मैं बाहर से लेकर आता हूँ।

    इस तरह राजू ने घर का खाना नहीं खाया और माँ से जिद कर पैसे लेकर बाहर चला गया। उसी शाम माँ ने पराठे और आलू गोभी की सब्जी बनाई थी। माँ, पिताजी और राजू तीनों खाने की टेबल पर बैठे थे राजू को खाना पसंद नहीं आ रहा था, वो खा नहीं रहा था।

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    पिताजी - क्या हुआ? राजू बेटा खा क्यों नहीं रहे हो?

    राजू - मुझे गोभी की सब्जी पसंद नहीं है पापा।

    पिताजी - तो क्या इतनी रात को तुम्हारे लिए छप्पन भोग बनाए चुपचाप खा लो।

    राजू से खाना नहीं खाया जा रहा था, उसका मन तो Patties और ice-cream खाने का कर रहा था, आखिर उसने मम्मी पापा की नजरों से बचाकर पराठे और सब्जी वही पास रखे फूलदान में डाल दिए, फिर वो अपने कमरे में चला गया। अगले दिन राजू School जाने को तैयार था, मम्मी उसके लिए दूध लेकर आई।


    माँ - ले दूध पी लें

    राजू - नहीं, मुझे दूध पसंद नहीं है, मैं नहीं पियूंगा।


    तभी वहाँ उसके पिताजी आ गए, उनके डर से राजू ने दूध का ग्लास ले लिया, मगर फिर उसने वही किया और उनकी नजर बचाकर दूध को खिड़की से बाहर उड़ेल दिया और फिर school चला गया। उस दिन जब मम्मी घर की सफाई कर रही थी तब उन्हें फूलदान से रात के पराठे और सब्जी मिली तभी उसके पिताजी भी वहाँ आए और बोले।

    पिताजी - तुम्हारे लाडले ने सुबह सारा दूध खिड़की से बाहर उड़ेल दिया था, देखो मेरी चप्पलों पर भी दूध लग गया है। इस देश में कई सारे ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्हें दूध देखने को भी नहीं मिलता और उसे मिलता है, तो इससे उसकी कद्र नहीं है।

    माँ - और उसने रात का खाना भी फूलदान में डाल दिया था, हे भगवान इस लड़के का मैं क्या करूँ? इसकी class के सारे बच्चे आगे बढ़ते जा रहे हैं और एक यह है इसी वजह से इसकी सेहत भी दिन पर दिन गिरती जा रही है।

    पिताजी - जब खाना ही ठीक से नहीं खाएगा तो सेहत कैसे बनेगी? बाहर का अनशन खाने की आदत जो पड़ी है इसे।

    माँ - ए जी आप कुछ कीजिए ना।

    पिताजी - अब मैं क्या करू? राजू कोई दूध पीता बच्चा तो नहीं है। जो मै जबरदस्ती उसके मुँह में खाना डाल दू। हो सकता है उसके school की Madam हमारी कोई मदद कर सके।

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    ये सोच मम्मी पापा अगले दिन राजू के स्कूल की मैडम से मिलने गए और उनसे अपनी समस्या बताई। (Bachon Ki Kahani in Hindi)

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    मैडम - समस्या तो गंभीर है, ठीक से ना खाने पीने की वजह से राजू पढ़ाई में भी पिछड़ रहा है। वो क्लास के दूसरे बच्चों से खेल कूद में भी काफी पीछे रहता है।

    पिताजी - तो आप ही कुछ बताइए मैडम की इस समस्या से कैसे निपटा जाए?

    मैडम - राजू को समझाना पड़ेगा कि बाहर की उलटी सीधी खाने की चीजें शरीर को कितना नुकसान पहुंचाती है, मेरे पास एक तरकीब है ध्यान से सुनिए। मम्मी पापा दोनों मैडम की बात ध्यान से सुनने लगते हैं।

    अगले हफ्ते राजू के जन्मदिन की party थी, उसके सारे दोस्त और मैडम party में आई थी। उस दिन राजू को खाने की पूरी छूट थी उसने जी भरकर chips,
    Burger, Patties और ice-cream खाई और cold-drinks पिया। जब party खत्म हुई तो मैडम राजू को एक प्यारा सा पौधा देते हुए बोलीं, ये लो बेटा तुम्हारे जन्मदिन का तोहफा ये पौधा बहुत अनोखा है। ये जिसके पास रहता है उसे कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होती है, तुम इसका खयाल रखोगे ना? राजू को वो पौधा बहुत पसंद आया वो बोला।

    राजू - जी मैडम मैं इसका बहुत खयाल रखूँगा।

    Party खत्म हो गयी और सब अपने अपने घर को चले गए। राजू भी अपने पौधे को लेकर अपने कमरे में सोने चला गया अगले दिन।

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    राजू - मम्मी थोड़ा पानी देना मुझे अपने पौधे में पानी डालना है।

    माँ - पानी क्यों Cold Drink डाल दें?

    राजू - Cold Drink क्यों माँ।

    माँ - तुझे बहुत पसंद है ना? अपनी पौधे को भी वही पीला, हो सकता है Cold Drink पीकर तेरा पौधा जल्दी जल्दी बढ़ने लगे।

    माँ - मम्मी आप भला कैसी बात कर रही? है किसी पौधे में कोई कोल्ड ड्रिंक डालता है क्या?

    माँ - क्यों? जब तू कोल्ड ड्रिंक पी सकता है, तो तेरा ये पौधा क्यों नहीं?


    मम्मी के कहे अनुसार राजू ने पौधे में Cold Drink डाल दिया, अब तो फिर ऐसा ही होने लगा, राजू जब भी मम्मी से पानी डालने को कहता था, मम्मी उसे कोल्ड ड्रिंक डालने को कह देती और राजू भी पौधे में कोल्ड ड्रिंक डाल देता था। इस तरह से पौधा धीरे धीरे सूखने लगा, राजू को समझ में नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है उसने अपने पापा से पूछा।

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    पापा के कहे अनुसार राजू ने पौधे में Chips और Patties का चूरा डाल दिया, इससे हालत यह हो गई कि पौधा और भी सूख गया। राजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वो अपने पौधे को बचाने के लिए क्या करें? वो अकेला बैठा सोच रहा था कि तभी उसके मम्मी पापा कमरे में आए।

    माँ - पता है बेटा तुम्हारी पौधे की ऐसी हालत क्यों हुई? तुम इसमें पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक और खाद की जगह चिप्स और Patties डाल रहे थे। इन ही चीज़ो ने पौधे को नुकसान पहुंचाया है, ठीक वैसे ही जैसे ये सारी चीजें तुम्हारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है।

    पिताजी - जिसतरह पौधे को सही खाद और पानी नहीं मिलने से वह सूखने लगा है, उसी तरह तुम्हारे शरीर को सही पोषक तत्व नहीं मिलने से वो अंदर से कमजोर होता जा रहा है और तुम पढ़ाई और खेलकूद में अपने दोस्तों से पिछड़ते जा रहे हो। ये बाहर की चीज़ है जैसे Pizza, Burger, Patties , Cold Drinks, खाने पीने में तो बहुत अच्छे लगते हैं। 

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    मगर इनमें कोई पोषक तत्व नहीं होता है, रोज़ रोज़ ऐसी चीजें खाने से हमारा शरीर कमजोर होता जाता है और कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर में घर कर जाती है। जिसतरह पौधे को बढ़ने के लिए अच्छी खाद और पानी चाहिए उसी तरह शरीर को मजबूत बनाने के लिए अच्छे पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जो सिर्फ घर के खाने से ही मिल सकती है, बाहर की चीजों से नहीं।

    राजू - मैं समझ गया पापा, अब मैं अपने पौधे को अच्छी खाद और पानी दूंगा और खुद भी सिर्फ घर का खाना ही खाऊंगा, आज से बाहर की चीजे बिल्कुल बंद।

    उस दिन से राजू घर का खाना ही खाने लगा और अपने पौधे को अच्छा खाद और पानी देने लगा। इससे कुछ ही समय में उसका पौधा फिर से लहलहा उठा और राजू की सेहत भी अच्छी हो गयी।

    तो यह थी एक जिद्दी बच्चे की कहानी, आशा कर ता हूँ Bachon Ki Kahani in Hindi सुनकर आपको अच्छा लगा होगा। Comment मै बताइए क्या आप भी बचपन मै ऐसा करते थे।

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