हाथी और तोता की कहानी - Hathi aur Tota ki Kahani | Hindi Story

एक तोता बहुत लंबे समय से पिंजरे में रह रह कर तंग आ चुकी थी। वह खुला आकाश में उड़ना चाहती थी, बहुत प्रयत्न करके आखिरकार तोता पिंजरे से उड़कर बाहर जंगल में आ पहुंची, तोते को जंगल का वातावरण बहुत पसंद आ गया। हर रोज़ तरह तरह के मीठे फल खाती थी, पगली जैसी उछलती फिरती जंगल के चारों ओर घूमती थी, अपना जीवन बहुत खुशी खुशी बिताने लगी।
एक दिन तोते को एक बड़ा पेड़ के नीचे सोता हुआ एक हाथी दिखाई पड़ी। उसे ऐसे देखते ही तोते को एक नटखट उपाय आया, चाहे जो कुछ भी हो, वह हाथी को परेशान करके उसे नींद से जगाना चाहती थी।

बहुत तेजी से पेड़ के ऊपर से नीचे आयी अपने चोंच से हाथी की सूंड पर चुभाया, उस चोट से हाथी जाग गई, आंखें खोलकर देखी, तोता पेड़ के ऊपर जा कर हंसने लगीं हाथी नाराज होकर कहीं अरे तोता क्या परेशानी है?
तोता ने जवाब दिया मजाक है मेरे दोस्त हंसने लगीं हाथी को कुछ फर्क नहीं पड़ा, आंखें बंद करके फिर से सो गयी। कुछ देर बाद तोता फिर से नीचे हाथी के पास आकर दुबारा उसको परेशान की और तुरंत वहाँ से उड़कर पेड़ के ऊपर चली गयी हाथी गुस्से से चिल्लायी अरे तू फिर से आ गयी क्या? कुछ काम नहीं है क्या? लेकिन तोते को यह मजाक करने में मज़ा आ रहा थ।
बार बार ऐसी शरारतें करने लगी, हाथी तंग आ चुकी थी, कुछ करना नहीं चाहा। वहाँ से उठकर चली गई, तोते को और मज़ा आ गया फिर से एक और बार तेजी से जाकर हाथी को अपने चोंच चुभाया। हाथी क्रोधित हो गयी कुछ ना कुछ तो करके उस तोते को सबक सिखाने का निर्णय लिया।

हाथी एक तालाब के पास गई अपने सिर को छोड़ बाकी का पूरा शरीर पानी में डुबाई, इसको देख तोते को बहुत मज़ा आया। वह सोंची हरे देखो मेरे से डर कर हाथी पानी में जाकर छिप गयी, खूब हंसने लगीं फिर से तोता वहाँ जाकर हाथी के ऊपर बैठ गयी हाथी को चुभना चाहती थी।
हाथी को पता था की तोता आएगी इसलिए उसने पहले से ही अपने सूंड में पानी भरकर रखी, तोता चुभने ही वाली थी, इतने में हाथी ने पानी को झटके से तोते पर झोंकी तोते को बहुत ज़ोर से लगा तालाब में गिर गयी जान के लिए तड़प रही थी।हाथी को तोते पर दया आ कर उसको पानी से बाहर निकाल कर जमीन पर फेंक दी तोते ने हाथी से क्षमा मांगी, उसको बहुत अच्छा सबक मिला। हाथी ज़ोर से हंसकर वहाँ से चली गयी अब तो तेको बड़ों और छोटों के बीच अंतर पता चल गया।
सीख
मजाक करने का भी एक हद होती है उसे जानकर व्यवहार करनी है दूसरों के द्वारा तुम आदर चाहते हो तो पहले दूसरों का आदर करो।
दोस्तो
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